Kamika Ekadashi | कामिका एकादशी – July 16, 2020

कामिका एकादशी इस साल 16 जुलाई 2020 यानी गुरुवार को मनाई जाएगी. श्रावण माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2020) का व्रत रखा जाता है. इसे पावित्रा एकादशी भी कहते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत फलादायी होता है. इस व्रत के प्रभाव से व्रती के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं. व्रती को अश्वमेघ यज्ञ के समान मिलने वाला फल प्राप्त होता है. इस एकादशी के दिन जो मनुष्य सावन माह में भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसके द्वारा गंधर्वों और नागों की पूजा हो जाती है. कामिका एकादशी की कथा सुनने मात्र से ही यज्ञ करने के समान फल प्राप्त होता है.

एकादशी तिथि प्रारंभ – 15 जुलाई 2020, रात 10 बजकर 23 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त – 16 जुलाई 2020, रात 11 बजकर 47 मिनट पर
व्रत पारण का समय – 17 जुलाई सुबह 5 बजकर 59 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक 

कामिका एकादशी पूजा विधि-

इस दिन स्नान कर व्रत का संकल्प करके भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने के लिए फल, फूल, तिल, दूध और पंचामृत आदि से पूजा करें और आठों पहर निर्जल रहकर भगवान विष्णु जी के नाम का स्मरण एवं भजन कीर्तिन करना चाहिए और अंत में ब्राह्मण को भोजन खिलाकर दान देकर विदा करें, फिर स्वयं भोजन ग्रहण करें. इस प्रकार जो कामिका एकादशी का व्रत रखता है, उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

कामिका एकादशी का महत्व
कामिका एकदशी का विशेष महत्व बताया गया है. महाभारत काल में स्वयं भगवान कृष्ण ने पांडवों को एकादशी के महामात्य के बारे में बताया था. मान्यता है कि कामिका एकादशी का व्रत रखने और पूजा करने से जीवन से हर प्रकार के कष्ट का नाश होता है. सुख समृद्धि प्राप्त होती है. जीवन में सफलता प्राप्त होती है और पितृ भी प्रसन्न होते हैं. कामिका एकादशी का व्रत रखने से पापों से भी मुक्ति मिलती है. यहां तक की पूर्वजन्म की दिक्कतें भी दूर होती हैं. इसीलिए इस व्रत के फल लोक और परलोक दोनों में श्रेष्ठ फलदायी माने गए हैं.